Thursday, November 24, 2016

अमर शहीद जगदेव प्रसाद : जीवन और विचार

युवा लेखक जीतेन्द्र वर्मा की नई पुस्तक ‘अमर शहीद जगदेव प्रसाद: जीवन और विचार’ प्रकाशित हुई है। इसके पहले भी उन पर कई पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं परंतु यह पुस्तक प्रामाणिक तथा रोचक है।
इस छोटी सी पुस्तक में वर्मा ने जगदेव बाबू की जीवनी कथा की तरह कही है। पाठक इसमें बंधा रह जाता है। वर्मा साहित्य के समाजशास्त्र के विशेषज्ञ हैं। इस विषय पर इनकी पुस्तक ‘साहित्य का समाजशास्त्र और मैला आंचल’ चर्चित हो चुकी है। वर्मा ने जगदेव प्रसाद के कामों और युगीन सामाजिक-सांस्कृतिक परिस्थितियों में सामंजस्य खोजा है। जगदेव प्रसाद का जीवन संघर्षों से भरा था। उन्होंने राजनीति तथा समाज में खूब उठा-पटक मचाई। श्री वर्मा ने इसका औचित्य इस पुस्तक में बताया है। श्री वर्मा के अनुसार जगदेव प्रसाद के उठा-पटक का कारण तत्कालीन परिस्थितियों के निहित है। कोई भी व्यवस्था तोड़-फोड़ के बिना नहीं बदलती। यह पुस्तक अलग-अलग अध्यायों में बँटी है। इसकी एक विशेषता यह है कि घटनाओं को कहानीनुमा बनाकर प्रस्तुत किया गया है। उनका जीवन-संघर्ष दलित-पिछड़ों को मुक्ति की राह बताती है। यह पुस्तक भावुकता से भरी है। यह भावुकता ब्राह्मणवादी व्यवस्था के प्रति आक्रोश पैदा करती है। जगदेव बाबू के अमरत्व का आधार उनकी बौद्धिक तेजस्विता है। श्री वर्मा का ध्यान इस ओर गया है। उनके अनुसार ”दक्षिण भारत में जो काम ईवीरामास्वामी पेरियारमहाराष्ट्र में जो काम जोतिबा फुले और डाअंबेडकर ने कियाउसी तरह का काम बिहार में जगदेव प्रसाद का है।‘’ पुस्तक के दूसरे खंड में जगदेव बाबू के विचार संकलित हैं। इसमें एक लेख और दो साक्षात्कार शामिल हैं। इससे उनकी वैचारिक दृष्टि का पता चलता है। अभी तक उनका ठीक-ठीक मूल्यांकन नहीं हुआ है और न ही उन्हें उचित सम्मान मिला है। पिछड़ी जातियां ब्राह्मणवादी व्यवस्था की मानसिक गुलामी कर रही हैं। ऐसी परिस्थिति में इस पुस्तक का महत्त्व बढ़ जाता है। ऐसी पुस्तकों से समाज में जागृति आएगी।

पुस्तक-अमर शहीद जगदेव प्रसाद (जीवनी) 
लेखक-जीतेन्द्र वर्मा  मूल्य- रुपये 30/ मात्र   पहला संस्करण-2012
प्रकाशक-सम्यक प्रकाशन, 32/3, पश्चिमपुरीनई दिल्ली-110063
 समीक्षक : डा0 राधाकृष्ण सिंहप्राचार्य वीरायतन बीएडकालेज ,पावापुरीनालंदा,बिहार। 

( साभार - http://mediamorcha.com/

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